तीन घंटे के दौरे के लिए 100 करोड़ रुपया सरकारी तिजोरी से खर्च हो रहा है
सामना में लिखा है कि प्रेसिडेंट ट्रंप को पहले गुजरात में ही क्यों लेकर जाया जा रहा है? इस सवाल का सही जवाब मिलना कठिन है। मोदी ने ट्रंप को पहले गुजरात में ले जाने का तय किया है और उनके निर्णय का आदर होना चाहिए। ट्रंप अमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरेंगे इसलिए एयरपोर्ट और एयरपोर्ट के बाहर की सड़कों की ‘मरम्मत’ शुरू है। यह मरम्मत करने के लिए प्रेसिडेंट ट्रंप के चरण अमदाबाद में पड़ना, इसे ऐतिहासिक ही कहना चाहिए। हम ऐसा पढ़ते हैं कि प्रेसिडेंट ट्रंप वे केवल तीन घंटों के दौरे पर आ रहे हैं और उनके लिए 100 करोड़ रुपया सरकारी तिजोरी से खर्च हो रहा है। 14 सड़कों का डामरीकरण शुरू है। नई सड़कें बनाई जा रही हैं। लेकिन इस सबमें मजे की बात ऐसी है कि प्रेसिडेंट ट्रंप को सड़क से सटे गरीबों के झोपड़े का दर्शन न हो इसके लिए सड़क के दोनों ओर किलों की तरह ऊंची-ऊंची दीवारें बनाने का काम शुरू है। ट्रंप की नजर से गुजरात की गरीबी, झोपड़े बच जाएं, इसके लिए यह ‘राष्ट्रीय योजना’ हाथ में ली गई है, ऐसा कटाक्ष होने लगा है। ट्रंप को देश का दूसरा पहलू दिखे नहीं क्या यह उठा-पटक इसके लिए है? सवाल इतना ही है श्री मोदी सबसे बड़े ‘विकास पुरुष’ हैं। उनसे पहले इस देश में किसी ने विकास नहीं किया और बहुधा बाद में भी कोई नहीं करेगा।
भारत की तीन प्रमुख मांग
1. जीएसपी के तहत मिलने वाली रियायत फिर से बहाल की जाए
2. भारतीय कृषि व तकनीकी उत्पादों का ज्यादा आयात करे अमेरिका
3. भारतीय पेशवरों व कामगारों के लिए अड़चन बनाने का रवैया दूर हो
अमेरिका की तीन प्रमुख मांग
1. उसके कृषि उत्पादों व एल्कोहल उत्पादों पर शुल्क घटाई जाए
2. आटो कंपनियों के लिए भारतीय बाजार के दरवाजे और खोले जाए
3. ई-कामर्स कंपनियों के लिए बने नये नियमों को उदार बनाया जाए
1. जीएसपी के तहत मिलने वाली रियायत फिर से बहाल की जाए
2. भारतीय कृषि व तकनीकी उत्पादों का ज्यादा आयात करे अमेरिका
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अमेरिका की तीन प्रमुख मांग
1. उसके कृषि उत्पादों व एल्कोहल उत्पादों पर शुल्क घटाई जाए
2. आटो कंपनियों के लिए भारतीय बाजार के दरवाजे और खोले जाए
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